देश के कई इलाकों में भीषण गर्मी पड़ रही है। महाराष्ट्र के 18 जिलों में तापमान 40 डिग्री से ऊपर जा रहा है। अकोला में तो पारा 45 डिग्री पहुंचने के बाद से वहां 31 मई तक धारा 144 लगा दी गई है। मुंबई के लोग भी गर्मी और उमस से हलकान दिखाई दे रहे हैं और बारिश का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, ताकि उन्हें राहत मिल सके।भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुंबई डिवीजन के निदेशक सुनील कांबले (Sunil Kamble) के मुताबिक मानसून अंडमान निकोबार में प्रवेश कर चुका है।
31 मई तक यह केरल पहुंच जाएगा और इसके मुंबई पहुंचने के लिए 10 से 11 जून तक इंतजार करना होगा। इस बार अच्छी बारिश होने के आसार हैं। क्योंकि अल नीनो, जो कि मानसून में रुकावट डालता है, कमजोर हो रहा है और मानसून आने तक यह हट जाएगा। ला नीना की स्थितियां सक्रिय हो रही हैं और ये भारत में अच्छी वर्षा का कारण बनती हैं।
मानसून के मुंबई और कोंकण से होते हुए 15 जून तक मराठवाड़ा, विदर्भ समेत नासिक, पुणे, सतारा, सांगली, कोल्हापुर, सोलापुर पहुंचने की संभावना जताई गई है। 20 जून तक पूरे महाराष्ट्र में मानसून के ज़ोर पकड़ने की उम्मीद है। IMD के पूर्वानुमान के मुताबिक, मुंबई, ठाणे और रायगढ़ के कुछ हिस्सों में 27 से 29 मई के बीच प्री-मानसून की हल्की बारिश या फिर गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र का कहना है कि पिछले 19 वर्षों यानी 2005 से 2023 के दौरान केरल में मानसून के आने की तारीख के हमारे सारे अनुमान लगभग सही साबित हुए हैं। सिर्फ 2015 एक ऐसा साल था, जब मानसून को लेकर मौसम विभाग का पूर्वानुमान सही साबित नहीं हुआ था।
अल नीनो और ला नीना प्रशांत महासागर में बनने वाले दो जलवायु पैटर्न हैं जो सारी दुनिया के मौसम पर असर डालते हैं। जब प्रशांत महासागर (Pacific Ocean) के पानी का तापमान सामान्य से अधिक हो जाता है तो उस स्थिति को ‘अल नीनो’ कहा जाता है। इसके विपरीत, जब प्रशांत महासागर (Pacific Ocean) के पानी का तापमान सामान्य से कम हो जाता है, तो उस स्थिति को ‘ला नीना’ कहा जाता है।