Union Budget 2024: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहला बजट मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किया गया। हालांकि उनके पेश किये गए इस बजट से विपक्ष दल के नेता खुश नजर नहीं आ रहे हैं। वही केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के इस इस बजट पर विपक्षी दलों के नेताओं की प्रतिक्रिया आने लगी हैं। इस बीच भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह बजट उसके चुनावी घोषणा पत्र की नकल है। वही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी अपने X अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर किया है जिसमें उन्होंने लिखा, “कांग्रेस के न्याय के एजेंडे को ठीक तरह से कॉपी भी नहीं कर पाया मोदी सरकार का “नकलची बजट”
कांग्रेस के न्याय के एजेंडे को ठीक तरह से कॉपी भी नहीं कर पाया मोदी सरकार का “नकलची बजट” !
मोदी सरकार का बजट अपने गठबंधन के साथियों को ठगने के लिए आधी-अधूरी “रेवड़ियां” बाँट रहा है, ताकि NDA बची रहे।
ये “देश की तरक्की” का बजट नहीं, “मोदी सरकार बचाओ” बजट है !
1⃣10 साल बाद…
— Mallikarjun Kharge (@kharge) July 23, 2024
साथ ही लिखा, “मोदी सरकार का बजट अपने गठबंधन के साथियों को ठगने के लिए आधी-अधूरी “रेवड़ियां” बाँट रहा है, ताकि NDA बची रहे।ये “देश की तरक्की” का बजट नहीं, “मोदी सरकार बचाओ” बजट है ! ”
वही मलिकार्जुन ने बजट से जुड़े १० कमिया गिनवाते हुए कहा,
- 10 साल बाद उन युवाओं के लिए सीमित घोषणाएं हुईं हैं, जो सालाना दो करोड़ नौकरियों के जुमले को झेल रहे हैं।
- किसानों को लिए केवल सतही बातें हुई हैं, डेढ़ गुना MSP और आय दोगुना करना – सब चुनावी धोखेबाज़ी निकली ! ग्रामीण वेतन को बढ़ाने का इस सरकार का कोई इरादा नहीं है।
- दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग, अल्पसंख्यक, माध्यम वर्ग और गाँव-ग़रीब लोगों के लिए कोई भी क्रांतिकारी योजना नहीं है, जैसी कांग्रेस-UPA ने लागू करी थी। “ग़रीब” शब्द केवल स्वयं की branding करने का ज़रिया बन गया है, ठोस कुछ भी नहीं है !
- महिलाओं के लिए इस बजट में ऐसा कुछ नहीं है, जिससे उनकी आर्थिक क्षमता बढ़े और वो workforce में अधिक से अधिक शामिल हों।
- उल्टा महंगाई पर सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है, जनता की गाढ़ी कमाई लूट कर वो पूंजीपति मित्रों में बांट रही है!
- कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, जन-कल्याण और आदिवासियों पर बजट में आवंटन से कम खर्च किया है क्योंकि ये भाजपा की प्राथमिकताएँ नहीं हैं। इसी तरह Capital Expenditure पर 1 लाख करोड़ कम खर्च किया है, तो फिर नौकरियाँ कहां से बढ़ेगी?
- शहरी विकास, ग्रामीण विकास, Infrastructure, Manufacturing, MSME, Investment, EV योजना – सब पर केवल Document, Policy, Vision, Review आदि की बात की गई है, पर कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई है।
- आये दिन रेल हादसे हो रहे हैं, ट्रेनों को बंद किया गया है, कोच की संख्या घटी है, आम यात्री परेशान हैं, पर बजट में रेलवे के बारे में कुछ नहीं कहा गया है, कोई जवाबदेही नहीं है।
- Census व जातिगत जनगणना पर भी कुछ नहीं बोला गया है, जबकि ये पाँचवा बजट है जो बिना Census के प्रस्तुत किया जा रहा है! ये हैरान कर देने वाली अप्रत्याशित नाकामी है – जो लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ है !
- 20 मई 2024, यानी चुनाव के दौरान ही, मोदी जी ने एक साक्षात्कार में दावा किया था कि “100 दिनों का Action Plan हमारे पास पहले से ही है”वही पोस्ट के अंत में मल्लिकार्जुन ने बीजेपी पर आरोप लगते हुए लिखा, “जब Action Plan, दो महीने पहले था, तो कम से कम बजट में ही बता देते! बजट में न कोई Plan है, और भाजपा केवल जनता से धोखेबाजी करने के Action में व्यस्त है”।