Mamata Banerjee Letter to PM Modi: बलात्कार की घटनाओं पर कड़े केंद्रीय कानून की आवश्यकता और ऐसे अपराधों के अपराधियों को अनुकरणीय सजा देने की आवश्यकता के संबंध ममता बनर्जी ने 22 अगस्त, 2024 को पीएम मोदी को खत लिखा था। प्रस्तावित कानून में ऐसे मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक विशेष अदालतों की स्थापना पर भी विचार और त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए ऐसे मामलों में सुनवाई 15 दिनों के भीतर पूरी करने की मांग की थी। हालांकि ममता बनर्जी को पीएम मोदी के तरफ से कोई जवाब नहीं मिला। वही इस मामले को लेकर ममता बनर्जी ने एक बार फिर पीएम मोदी को पत्र लिखा।
I have written this letter today to the Hon’ble Prime Minister of India: pic.twitter.com/pyVIiiV1mn
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) August 22, 2024
एक बार फिर पीएम मोदी को भेजे पत्र में ममता बनर्जी ने लिखा, “आपको बलात्कार की घटनाओं पर कड़े केंद्रीय कानून की आवश्यकता और ऐसे अपराधों के अपराधियों को अनुकरणीय सजा देने की आवश्यकता के संबंध में 22 अगस्त, 2024 का मेरा पत्र संख्या 44-सीएम (प्रतिलिपि संलग्न) याद हो सकता है। इतने संवेदनशील मुद्दे पर आपकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला”
“हालांकि, भारत सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री से एक उत्तर प्राप्त हुआ है, जो मेरे पत्र में उठाए गए मुद्दे की गंभीरता पर ध्यान नहीं देता है। साथ ही फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट की बात करते हुए ममता बनर्जी ने लिखा, “फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (एफटीएससी) के संबंध में राज्य सरकार द्वारा 10 विशिष्ट पॉक्सो कोर्ट को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा, 88 एफटीएससी और 62 पॉक्सो नामित न्यायालय पूर्ण राज्य वित्त पोषण पर राज्य भर में कार्य कर रहे हैं। मामलों की निगरानी और निपटान पूरी तरह से न्यायालयों के हाथ में है”।
I have written this letter to the Hon’ble Prime Minister of India in connection with an earlier letter of mine to him. This is a second letter in that reference. pic.twitter.com/5GXKaX6EOZ
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) August 30, 2024
“केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार, केवल सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारियों को एफटीएससी में पीठासीन अधिकारी के रूप में तैनात किया जा सकता है, लेकिन माननीय उच्च न्यायालय ने कहा है कि मामलों की गंभीरता को देखते हुए, स्थायी न्यायिक अधिकारियों को तैनात करने की आवश्यकता है। इसके लिए भारत सरकार के स्तर पर परीक्षण और उसके बाद उचित कार्रवाई की आवश्यकता है, जिसके लिए आपका हस्तक्षेप आवश्यक होगा”।
एक बार फिर अपने पत्र में ममता बनर्जी ने पीएम मोदी से अनुरोध करते हुए लिखा, “अनुरोध करती हूं कि ट्रायल अधिकारियों द्वारा एक विशिष्ट समय-सीमा में मामलों के निपटारे के लिए अनिवार्य प्रावधान के साथ बलात्कार/बलात्कार और हत्या के जघन्य अपराधों पर एक कठोर केंद्रीय कानून और अनुकरणीय दंड पर विचार करें। मुझे आशा है कि व्यापक रूप से हमारे समाज के हित में इस मामले पर आपकी ओर से बहुत ध्यान दिया जाएगा।”