SC ST Reservation: बहुजन समाज पार्टी (BSP) की चीफ सुप्रीमो मायावती ने 15 अगस्त को पिम द्वारा आयोजित किये गए स्वतंत्रता दिवस समारोह में उनके सांप्रदायिक नागरिक संहिता वाले बयान को लेकर प्रितिक्रिया दी है साथ ही सवाल खड़ा किया है की, बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर द्वारा सभी धर्मों का एक-समान सम्मान के धर्मनिरपेक्षता के सिद्धान्त की संवैधानिक व्यवस्था को ’कम्युनल’ कहना क्या उचित? साथ ही देश की अपार गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई व पिछड़ेपन आदि की ज्वलन्त राष्ट्रीय समस्याओं की बात भी मायावती ने उठायी है।
1. पीएम द्वारा कल 15 अगस्त को लाल क़िले से बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर द्वारा सभी धर्मों का एक-समान सम्मान के धर्मनिरपेक्षता के सिद्धान्त की संवैधानिक व्यवस्था को ’कम्युनल’ कहना क्या उचित? सरकार संविधान की मंशा के हिसाब से सेक्युलरिज्म का पालन करे यही सच्ची देशभक्ति व राजधर्म।
— Mayawati (@Mayawati) August 16, 2024
BSP की चीफ सुप्रीमो मायावती द्वारा जारी किये पोस्ट में लिखा, ” पीएम द्वारा कल 15 अगस्त को लाल किले से बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर द्वारा सभी धर्मों का एक-समान सम्मान के धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत की संवैधानिक व्यवस्था को ’कम्युनल’ कहना क्या उचित? सरकार संविधान की मंशा के हिसाब से सेक्युलरिज्म का पालन करें यही सच्ची देश भक्ति व राजधर्म।”
2. इतना ही नहीं बल्कि पीएम द्वारा देश की अपार ग़रीबी, बेरोज़गारी, महंगाई व पिछड़ेपन आदि की ज्वलन्त राष्ट्रीय समस्याओं पर इससे प्रभावित करीब सवासौ करोड़ लोगों में उम्मीद की कोई नई किरण नहीं जगा पाना भी कितना सही? लोगों के ’अच्छे दिन’ कब आयेंगे?
— Mayawati (@Mayawati) August 16, 2024
आगे मायावती ने लिखा, “इतना ही नहीं बल्कि पीएम द्वारा देश की अपार गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई व पिछड़ेपन आदि की ज्वलन्त राष्ट्रीय समस्याओं पर इससे प्रभावित करीब सवा सौ करोड़ लोगों में उम्मीद की कोई नई किरण नहीं जगा पाना भी कितना सही? लोगों के ’अच्छे दिन’ कब आयेंगे?”