Delhi Police Shame: दिल्ली पुलिस की कार्यशैली की जितनी भी ‘तारीफ’ की जाए कम है। अपराध होने के बाद यहां की पुलिस एफआईआर भी अपने हिसाब से लिखवाती है। पिस्तौल की नोंक पर की गयी एक हालिया लूट की घटना में तो पुलिसवाला पीड़ित को ही सलाह देने लगा कि “पिस्तौल का जिक्र मत करो। इससे हमारे पुलिस एसएचओ का अपमान होगा। और फिर तुमको ही बारंबार पुलिस थाने के चक्कर लगाने पड़ेंगे।” सारा किस्सा इस प्रकार है–
एक ही परिवार के तीन लोग, गौरव शुक्ला, उनके छोटे भाई सौरभ शुक्ला और उनके चाचा नीरज शुक्ला दोपहर करीब 3 बजे के लगभग गौतम विहार, दिल्ली स्थित अपने घर जा रहे थे। तभी तीन हथियारबंद युवक स्कूटर पर आए और उन्होंने उन लोगों पर पिस्तौल तान दी। फिर उनके तीन मोबाइल फोन, एक लैपटॉप और पहचान पत्र छीन लिए। इसके बाद जब पीड़ित उस्मानपुर के पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज कराने गये तो पुलिसकर्मी ने कहा कि वे यह न बताएं कि आरोपियों के पास बंदूकें थीं, क्योंकि यह एसएचओ के लिए अपमानजनक होगा।
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यह @DCPNEastDelhi के अंदर आने वाले उस्मानपुर थाने की शानदार पुलिस का हाल है।26-27 अगस्त की रात हुई लूट को स्नैचिंग बनाया। अब तक आईओ घटनास्थल पर नहीं पहुंचा।पीड़ित ने खुद सीसीटीवी फुटेज निकाली। बदमाशों के हौसले बुलंद@SandhyaTimes4u @NBTDilli @CPDelhi #DelhiPolice https://t.co/I1YtInBXdB pic.twitter.com/11rUF4ybVF— Kunal Kashyap (@kunalkashyap_st) August 30, 2024
अगर पिस्तौल का ज़िक्र किया, तो तुम लोगों को लुटेरों की पहचान करने के लिए बार-बार आना होगा। इस पर जब पीड़ितों ने कहा कि हमें बार-बार आने की क्या ज़रूरत है। इलाके में कई सीसीटीवी लगे हुए थे जो घटना के गवाह हैं। तब शांत भाव से, पुलिसकर्मी ने कहा, “अब तुम मुझे सिखाओगे कि क्या करना है।” यानी ने पुलिस इसे साधारण लूट का मामला बना दिया । और तो और पीड़ितों ने ही पुलिस को सीसीटीवी फुटेज भी लाकर दी।