Sunita Williams stranded in space: भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स अपने सह एस्ट्रोनॉट बुच विल्मोर के साथ स्पेस में फंसी हुई हैं। बता दें कि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर बीते 5 जून को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए निकले थे। उनका मिशन महज 10 दिनों का ही था लेकिन आज उन्हें वहां पूरे 59 दिन हो गए हैं। स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी खराबी के चलते दोना एस्ट्रोनॉट की वापसी में दिक्कतें हो रही हैं। इस बीच सुनीता विलियम्स को लेकर एक परेशान कर देने वाली खबर भी सामने आ रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अंतरिक्ष में ग्रेविटी की कमी की वजह से सुनीता विलियम्स को मसल मास में कमी यानी सरकोपेनिया और बोन डेंसिटी कम होने की समस्याएं हो सकती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार मांसपेशियों का नुकसान यानी सरकोपेनिया और बोन डेंसिटी कम होना यानी ऑस्टियोपोरोसिस की स्थिति स्पेस या धरती दोनों ही जगहों पर व्यक्ति को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं। सरकोपेनिया के चलते व्यक्ति की स्ट्रेंथ कम होने लगती है, बैलेंस बिगड़ने लगता है, गतिशीलता कम हो जाती है, लिहाजा अचानक गिरने या फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है। वहीं ऑस्टियोपोरोसिस के कारण हड्डियां बेहद कमजोर हो जाती हैं, जिससे उनके टूटने का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है।
धरती के मुकाबले अंतरिक्ष में इन समस्याओं की गंभीरता का खतरा अधिक होता है।
Sunita Williams is yet stuck in space https://t.co/N9KJXLXmqD
— Radz Talking (@throwball) June 29, 2024
ग्रेविटी की कमी के चलते स्पेस में एस्ट्रोनॉट्स की मांसपेशियां बहुत जल्दी कमजोर होती हैं। अंतरिक्ष में हड्डियां तेजी से मिनरल्स खासकर कैल्शियम खोती हैं जिससे हड्डियों के घनत्व में कमी आने लगती है। यही कारण है कि स्पेस से वापस आने पर भी एस्ट्रोनॉट्स को कई बार गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हां, अगर जरूरी पोषक तत्वों से युक्त आहार लिया जाए और समुचित एक्सरसाइज की जाए तो सरकोपेनिया और ऑस्टियोपोरोसिस से बचना संभव है। इस बीच नासा का कहना है कि यदि स्पेस से वापसी में स्पेसक्राफ्ट निष्क्रिय ही रहता है, तो नासा को विलियम्स और विल्मोर को पृथ्वी पर वापस लाने के लिए वैकल्पिक तरीकों पर विचार करना पड़ सकता है, जिसमें संभवतः स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल का उपयोग भी शामिल है।