MP Killer Arrested : वो खामोशी से आता, खामोशी से अपना ‘काम’ करता और खामोशी से चला जाता…! ये स्टोरी है एक ऐसे सीरियल किलर की जिसके सिर पर सिर्फ वॉचमैनों को जान से मारने का जुनून सवार था! कुछ अरसा पहले मध्यप्रदेश के सागर और इसके आसपास के इलाकों में सनसनी मचा देने वाला शिवप्रसाद धुर्वे नाम का ये सिरफिरा सिर्फ उन्हीं वॉचमैनों को मारता था जो रात को ड्यूटी पर चाक-चौबंद रहने के बजाय सो रहे होते थे। वह रात को 12 से 4 बजे के बीच फैक्ट्रियों, स्कूल, कॉलेजों, बंगलों के आसपास अपना शिकार तलाशता था। जो वॉचमैन अपनी ड्यूटी बजाता मिलता, उनके पास जाकर वह खैनी मांगकर खाता और फिर वहां से चुपचाप चला जाता। पर जो बदकिस्मत वॉचमैन सोता मिलता, उसे वो पास पड़ी किसी भारी चीज हथौड़ा, पत्थर, फावड़ा आदि से प्रहार कर मार डालता था। वॉचमैन को संभलने का मौका दिए बिना ये डायरेक्ट उसके सिर पर वार करता था।
लगभग डेढ़ साल पहले धुर्वे ने एक सप्ताह के अंदर सागर शहर में तीन और भोपाल में एक वाचमैन को सिर कुचलकर मारा था। दहशत के मारे पूरे शहर के वॉचमैनों की नींद हराम हो गयी थी। किसी को जरा सी झपकी आ जाती तो वो फ़ौरन चिंहुककर उठ जाता कि क्या पता सिरफिरा हत्यारा कब, किस घड़ी आकर वार कर दे…! एम.पी. पुलिस ने शहर भर के सीसीटीवी फुटेज खंगाल डाले, अपराधी की मोबाइल लोकेशन भी ट्रेस की। पुलिस की करीब दस टीमें धुर्वे की खोज में दिन-रात एक किए थीं। आखिर काफी मशक्कत के बाद धुर्वे नाम का ये कातिल भोपाल में पकड़ा गया, जब वहां वो एक चौकीदार को मार चुका था और दूसरे शिकार की तलाश में घूम रहा था।
फिलहाल धुर्वे सागर के सेंट्रल जेल में बंद है। पिछले हफ्ते उसे वॉचमैन शंभुदयाल दुबे की नृशंस हत्या के जुर्म में विशेष अपर व सत्र न्यायाधीश प्रशांत कुमार सक्सेना ने आजीवन कारावास की सज़ा सुनाते हुए कहा,”अबोध बालक व सोता हुआ व्यक्ति एक ही श्रेणी में आते हैं। उन्हें अपने ऊपर हो रहे हमले से बचने का अवसर नहीं मिलता, इसलिए अभियुक्त को सख्त सजा मिलनी चाहिए, जिससे समाज में उचित संदेश जाए।” बता दें कि इसी अदालत ने गत दिनों सागर के ही एक होटल कर्मचारी के सिर पर भारी तवे से हमला कर, हत्या के प्रयास के जुर्म में धुर्वे को 10 साल की सज़ा सुनाई है। बताया जाता है कि इस कर्मचारी पर उसने वॉचमैन समझकर हमला किया था, पर किस्मत से वह बच गया।
गिरफ्तारी के बाद हुई पूछताछ में धुर्वे ने पुलिस को बताया था कि उसे फिल्म ‘KGF-2’ ‘पुष्पा’ और ‘हैकर’ बहुत पसंद आई थीं। KGF-2 में रॉकी भाई का किरदार देखकर उसने आम व्यक्ति से डॉन बनने का सपना देखा। ‘पुष्पा’ के हीरो पुष्पा की तरह ही उसे साइकिल से चलना अच्छा लगता है और सागर शहर से 65 किलोमीटर दूर स्थित अपने गांव केसली से वो कत्ल करने साइकिल से ही आता था। गिरफ्तार होने के बाद पुष्पा की तरह वह भी पुलिस के सामने नहीं झुका, बल्कि उसने विक्ट्री साइन दिखाया। फिल्म ‘हैकर’ को देखकर शिव प्रसाद ने साइबर क्राइम सीखने की कोशिश की। सागर में चौकीदार की हत्या के बाद वह चौकीदार का मोबाइल लेकर भागा था। उसका पैटर्न लॉक आरोपी ने खोल लिया था।
पहले पूना, गोवा,चेन्नई आदि में मजदूरी जैसे काम कर चुका धुर्वे फटाफट अंग्रेजी बोलता है। उसका कहना है कि उसने ये सारी हत्याएं सिर्फ फेमस होने के लिए की हैं।सिर्फ़ वॉचमैनों को ही मारने के सवाल पर उसने कहा कि उन्हें ड्यूटी पर सोते देख गुस्सा आता था। पिछले दिनों दो मामलों में सजा होने के बाद अभी धुर्वे पर कत्ल के बाकी के तीन मामले– सागर में दो और भोपाल में एक मामला विचाराधीन है।