Badlapur Rape Case: महाराष्ट्र के बदलापुर के एक प्रमुख स्कूल के शौचालय में एक सफाई कर्मचारी अक्षय शिंदे द्वारा पिछले दिनों कथित तौर पर चार साल की दो लड़कियों का यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है। पीड़ित बच्ची के परिवार का आरोप है स्कूल ने एफआईआर दर्ज कराने में मदद नहीं की थी, जिसकी वजह से एफआईआर दर्ज होने में 12 घंटे से अधिक समय लगा। हालांकि आरोपी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
स्कूल में बच्चियों से छेड़छाड़ की घटना से गुस्साए पैरेंट्स ने पूरे जिले में आज यानी मंगलवार को जबरदस्त प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी अभिभावकों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए क्षेत्र के स्कूल मंगलवार को बंद रहे। पुलिस के मुताबिक स्कूल में घटना स्थल का सीसीटीवी बंद मिला। मामले की जांच में लापरवाही बरतने के कारण महिला पुलिस अधिकारी शुभदा शितोले का तबादला कर दिया गया है। मामला सामने आने के बाद स्कूल प्रबंधन ने प्रिंसिपल, क्लास टीचर और स्टाफ की एक महिला को सस्पेंड कर दिया है।
Protest on tracks! Badlapur residents stop trains, stage rail roko to protest against alleged molestation of two kids at a local school. https://t.co/XLE0LtbITd pic.twitter.com/02k3tFaPq8
— Rajendra B. Aklekar (@rajtoday) August 20, 2024
वही 2 नाबालिग बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न मामले पर राज्य सभा के सदस्य और शिवसेना (UBT) नेता प्रियंका चतुर्वेदी की प्रतिक्रिया सामने आई है। प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने X अकाउंट पर ट्वीट जारी कर राष्ट्रपति भवन से महाराष्ट्र शक्ति आपराधिक कानून को मंजूरी देने का आग्रह किया है। जारी किये पोस्ट में प्रियंका चतुर्वेदी ने लिखा,
Two young girls were sexually assaulted in Badlapur, Maharashtra in the school premises; the entire state is outraged and seeks justice. I once again urge the @rashtrapatibhvn to approve the Maharashtra Shakti Criminal Law , no other child or woman face this travesty. Shame on… https://t.co/MJoM4dzvY4
— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) August 20, 2024
“महाराष्ट्र के बदलापुर में स्कूल परिसर में दो युवा लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया गया; पूरा राज्य आक्रोशित है और न्याय चाहता है। मैं एक बार फिर आग्रह करती हूं @राष्ट्रपतिभवन महाराष्ट्र शक्ति आपराधिक कानून को मंजूरी देने के लिए, किसी अन्य बच्चे या महिला को इस उपहास का सामना नहीं करना पड़ेगा। महिलाओं की सुरक्षा की अनदेखी जारी रखना राज्य सरकार के लिए शर्म की बात है।”