Tirumankai Alvar : ब्रिटेन की जानी-मानी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने दक्षिण भारतीय संत तिरुमंकाई अलवर की 500 साल पुरानी कांस्य मूर्ति भारत को लौटाने पर सहमति जताई है। संत तिरुमंकई अलवर दक्षिण भारत के 12वें अलवर संतों में से अंतिम संत थे। 16 वीं सदी की यह मूर्ति तमिलनाडु के एक मंदिर से चुराई गई थी। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के एशमोलियन म्यूजियम में रखी इस मूर्ति को देखने के लिए विजिटर्स को लगभग 1800 रुपए देने पड़ते हैं। संत तिरुमंकाई अलवर की यह मूर्ति 60 सेंटीमीटर ऊंची है। इसे 1967 में डॉ. जे. आर. बेलमोंट ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में रखवाया था।
ग़ौरतलब है कि लगभग दो-तीन साल पहले एक शोधकर्ता ने इस मूर्ति के बारे में स्टडी कर मूर्ति के ऐतिहासिक सबूत पेश किए थे। ये बात ब्रिटेन स्थित भारतीय उच्चायोग भारत सरकार को बताई जिसके बाद मूर्ति के बारे में सबूत जुटाए गए। तमिलनाडु के मंदिर में मिले 1957 के कांसे से मूर्ति की पुष्टि हुई । इसके बाद 11 मार्च 2024 को भारत ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के सामने सबूत रखते हुए मूर्ति वापस करने की अपील की।ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने अपनी इंटरनल जांच में भारत के इस दावे को सही पाया। फिलहाल ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के एशमोलियन संग्रहालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि यह संग्रहालय संत तिरुमंकाई अलवर की कांस्य मूर्ति की वापसी के लिए भारतीय उच्चायोग के दावे का समर्थन करता है। यह फैसला अब अप्रूवल के लिए चैरिटी आयोग को प्रस्तुत किया जाएगा।