Taxation Without Representation: आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढ़ा ने राज्यसभा में बजट 2024 को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पिछले 10 में टैक्स लगा-लगाकर सरकार ने आम आदमी का खून चूस लिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि हम सोमालिया जैसी सर्विस पाने के लिए इंग्लैंड की तरह टैक्स देते हैं…आप 10 रुपये कमाते हैं तो उसमें से तीन से साढ़े तीन रुपये आप इनकम टैक्स के माध्यम से दे देते हैं, दो से ढाई रुपये जीएसटी चूस लेता है, दो रुपये आपका कैपिटल गेन टैक्स लगता है… फिर एक या डेढ़ रुपये के सरचार्ज लग जाता है।
Raghav Chaddha’s Poem On Tax in India 👇 pic.twitter.com/QLckRuh9ol
— 🇮🇳 Vishal JyotiDev Agarwal (@JyotiDevSpeaks) August 8, 2024
आप सांसद ने आगे कहा, “10 रुपये में से 7 या 8 रुपये तो सरकार के खजाने में चला जाता है तो आम इंसान को मिलता क्या है? सरकार हमसे जो इतना टैक्स लेती है, उसके बदले में सरकार हमें देती क्या है? कौन सी ऐसी राष्ट्रीय सेवाएं दी जाती हैं? क्या क्लास हेल्थकेयर, शिक्षा, ट्रांसपोर्ट सेवाएं सरकार देती है? जब कभी भी बजट प्रस्तुत किया जाता है तो देश के कुछ वर्ग बजट से खुश होते हैं तो कुछ वर्ग नाराज होते हैं। इस बार सरकार ने वो अचीव कर लिया, जिसे प्राप्त करना संभव ही नहीं था। इस बजट से सरकार ने देश के हर वर्ग को लगभग नाराज किया. बीजेपी के ख़ुद के समर्थक और वोटर्स भी इस बजट से बेहद निराश हैं।
We pay taxes like England
To get service like Somalia pic.twitter.com/dwdqoeI2cX— Raghav Chadha (@raghav_chadha) July 25, 2024
यही नहीं राघव चड्डा ने राज्यसभा में भारत की टैक्स व्यवस्था पर एक कविता भी सुनाई …”सरकार का एकसूत्रीय मिशन है टैक्स, सरकार का कमीशन है टैक्स। जगने पर टैक्स, सोने पर टैक्स, हंसने पर टैक्स, रोने पर टैक्स, खाने पर टैक्स, पीने पर टैक्स… सरकार जनता से वसूल रही है, बीजेपी से दिल लगाई पर टैक्स।”