PM Modi on Women Safety: जीहां, अगर कोई महिला पुलिस स्टेशन नहीं जाना चाहती है, तो वह अपने घर से ही ई-एफआईआर दर्ज करा सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को जलगांव, महाराष्ट्र में लखपति दीदी योजना का लाभ लेने वाली महिलाओं से बातचीत करते हुए कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध क्षमा के लायक नहीं हैं। मोदी ने कहा, “दोषियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए और जो किसी भी तरह से मदद कर रहे हैं, उन्हें बचाया जाना चाहिए।” पीएम की टिप्पणी हालिया कोलकाता में घटित लेडी डॉक्टर रेप-मर्डर कांड और महाराष्ट्र के बदलापुर में दो किशोरियों के साथ हुए दुष्कर्म को लेकर थी।
मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों पर कार्रवाई में कोई देरी नहीं होनी चाहिए और यह संदेश स्पष्ट होना चाहिए कि आरोपियों को बचाने में मदद करने वालों से भी सख्ती से निपटा जाएगा। कहना न होगा कि बदलापुर मामले में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने में अत्यधिक देरी की थी।
We have removed many such obstacles in the Bharatiya Nyaya Sanhita. If the victim women do not want to go to the police station, then they can register an e-FIR from home. We have also ensured that no one will be able to tamper with the e-FIR at the police station level.” pic.twitter.com/g1DPhF2YIi
— Jammu Tribune (@JammuTribune) August 25, 2024
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि देरी और ढिलाई के लिए अस्पताल, पुलिस, स्कूल और दफ्तरों को जवाबदेह ठहराया जाएगा। उन्होंने कहा, “सरकारें आती-जाती रहेंगी, लेकिन महिलाओं की सुरक्षा होनी चाहिए। महिलाओं पर अत्याचार करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए। पहले हमारे यहां FIR समय पर दर्ज न होने, मामलों की सुनवाई न होने और न्याय में देरी जैसी शिकायतें रहती थीं। हमने भारतीय न्याय संहिता में ऐसी अनेक रुकावटों को दूर किया है। अब अगर कोई महिला पुलिस स्टेशन नहीं जाना चाहती है, तो वह अपने घर से ही ई-एफआईआर दर्ज करा सकती है और पुलिस को कार्रवाई करनी होगी। महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के लिए मृत्युदंड और आजीवन कारावास का प्रावधान है।”
उन्होंने कहा कि नए कानून उन पुरुषों के खिलाफ भी हैं जो महिलाओं को शादी का झूठा वादा करके धोखा देते हैं, इस क्षेत्र में पहले उचित कानून का अभाव था। भारतीय न्याय संहिता में अब इस मुद्दे से निपटने के लिए कानून शामिल हैं। मोदी ने आश्वासन दिया कि केंद्र ऐसे अपराधों से निपटने में सभी राज्यों का पूरा समर्थन करता है।