Modi Hollow Promises: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा है कि तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद नरेंद्र मोदी ने तीन करोड़ आवास देने का ढिंढोरा पीटना शुरू कर दिया है, जबकि उन्होंने अब तक गरीबों को आवास देने का पुराना वादा पूरा नहीं किया है। खडगे ने आगे कहा कि “लोकसभा चुनाव में देश ने ऐसा जवाब दिया कि मोदी सरकार को दूसरों के घरों से कुर्सियां उधार लेकर अपना सत्ता का ‘घर’ संभालना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री जी ने 17 जुलाई 2020 को देश को ‘मोदी की गारंटी’ दी थी कि 2022 तक हर भारतीय के सिर पर छत होगी। ये ‘गारंटी’ तो खोखली निकली। अब तीन करोड़ प्रधानमंत्री आवास देने का ढिंढोरा ऐसे पीट रहे हैं, जैसे पिछली गारंटी पूरी कर ली हो।
लोकसभा चुनाव में देश ने ऐसा जवाब दिया कि मोदी सरकार को दूसरों के घरों से कुर्सियां उधार लेकर अपना सत्ता का “घर” संभालना पड़ रहा है।
17 जुलाई 2020 को प्रधानमंत्री जी ने देश को “मोदी की गारंटी” दी थी कि 2022 तक हर भारतीय के सिर पर छत होगी।
ये “गारंटी” तो खोखली निकली !
अब 3 करोड़…
— Mallikarjun Kharge (@kharge) June 11, 2024
उन्होंने कहा, “देश असलियत जानता है -इस बार इन 3 करोड़ घरों के लिए कोई डेडलाइन नहीं दी गई है, क्योंकि भाजपा ने पिछले 10 वर्षों में कांग्रेस-यूपीए के मुक़ाबले 1.2 करोड़ घर कम बनवाए। कांग्रेस ने 2004-13 तक 4.5 करोड़ घर, भाजपा ने 2014-24 तक 3.3 करोड़ घर बनाए हैं। मोदी की आवास योजना में 49 लाख शहरी आवास – यानी 60 प्रतिशत घरों का अधिकांश पैसा जनता ने अपनी जेब से भरा।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा,”एक सरकारी बेसिक शहरी घर औसतन 6.5 लाख का बनता है, उसमें केंद्र सरकार केवल 1.5 लाख देती है।
इसमें 40 प्रतिशत योगदान राज्यों और नगरपालिका का भी होता है। बाक़ी का बोझ का ठीकरा जनता के सिर पर आता है और वो भी क़रीब 60 प्रतिशत का बोझ। ऐसा संसदीय कमेटी ने कहा है। समाचार पत्रों से पता चला है कि नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में जो ‘सांसद आदर्श ग्राम योजना’ के तहत 8 गाँवों को विकसित करने के लिए गोद किया था वहाँ ग़रीबों के पास, ख़ासकर दलित व पिछड़े समाज के पास अब