KEM Hospital Heart Transplant: मुंबई के प्रसिद्ध केईएम अस्पताल ने गत दिनों एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। ये कीर्तिमान है भारत में किसी म्युनिसिपल अस्पताल द्वारा किया गया पहला सफल हृदय प्रत्यारोपण यानी हार्ट ट्रांसप्लांट। केईएम के कार्डियोवैस्कुलर और थोरेसिक सर्जन डॉ. उदय जाधव के अनुसार, मरीज पूरी तरह ठीक हो गया है और उसे गुरुवार को छुट्टी दे दी गई। अब वह चल-फिर सकता है और कुल मिलाकर, अच्छा महसूस कर रहा है! वहां के डॉक्टरों ने दावा किया है कि नव प्रत्यारोपित हृदय अब अपनी पंपिंग क्षमता के 60 प्रतिशत पर काम कर रहा है।
ग़ौरतलब है कि 11 जुलाई को किया गया हृदय प्रत्यारोपण, बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) द्वारा संचालित केईएम अस्पताल के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। अस्पताल में 1963 में पहली हृदय प्रत्यारोपण सर्जरी का प्रयास किया गया था, लेकिन यह असफल रहा था।
ये हृदय प्रत्यारोपण औरंगाबाद के एक 38 वर्षीय रिक्शा चालक पर किया गया जो इस्केमिक डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी से पीड़ित था, और हृदय प्रत्यारोपण ही उसका एकमात्र विकल्प था। हार्ट डोनर कल्याण की एक 34 वर्षीय महिला थी, जो सात महीने की गर्भवती होने के दौरान इंट्रासेरेब्रल रक्तस्राव के साथ प्रीक्लेम्पसिया से पीड़ित थी, जिसके कारण रविवार को उसकी मृत्यु हो गई थी।
My younger brother, Dr. Pravin Kulkarni, has successfully performed a heart transplant at KEM Hospital. This remarkable achievement fills our hearts with immense pride and joy. @PMOIndia @JPNadda @CMOMaharashtra @Devendra_Office @AjitPawarSpeaks pic.twitter.com/VlFQdXTiG0
— Ravindra Kulkarni (@ravi_koolkarni) July 13, 2024
बुधवार को एक छोटे से समारोह में दानकर्ता महिला के पति दीपक परब को अस्पताल द्वारा सम्मानित किया गया। इस दौरान परब ने कहा, “मैंने अपनी पत्नी और उसके साथ अपने अजन्मे बच्चे को खो दिया है। हर दिन, मैं ईश्वर से दुआ करता था कि प्राप्तकर्ता का शरीर मेरी पत्नी के दान किए गए हृदय को स्वीकार कर ले। ये उम्मीद करता था कि उसकी मृत्यु व्यर्थ नहीं जाएगी।”
डॉ. प्रवीण कुलकर्णी ने इस जटिल प्रक्रिया के दौरान शल्य चिकित्सा दल का नेतृत्व किया, जिसकी लागत आमतौर पर निजी सुविधाओं में ₹ 35 लाख होती है, लेकिन केईएम में इसे ₹ 8 लाख में पूरा किया गया। इस मौके पर केईएम अस्पताल की डीन डॉ. संगीता रावत ने कहा, “हम ऐसे मरीजों को नई उम्मीद देने के लिए और अधिक प्रत्यारोपण करना जारी रखेंगे जो उच्च लागत के कारण निजी अस्पतालों में ऐसी प्रक्रियाओं का खर्च नहीं उठा सकते। हम इन प्रत्यारोपणों को निजी अस्पतालों की तुलना में पांच गुना कम लागत पर करेंगे, जिसमें विभिन्न सरकारी योजनाओं के माध्यम से संभावित कटौती भी शामिल है।”