Mallikarjun on No NEET Re-examination: नीट-यूजी पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 23 जुलाई को अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने कहा कि NEET की परीक्षा दोबारा आयोजित नहीं कराई जाएगी, क्योंकि इसके पर्याप्त सबूत नहीं हैं कि एग्जाम की ‘पवित्रता’ का उल्लंघन हुआ था। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी परदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने नीट मामले पर फाइनल फैसला सुनाते हुए कहा कि हजारीबाग और पटना में प्रश्न पत्र लीक हुआ, इससे इंकार नहीं है। यह एक तथ्य विवाद का विषय नहीं है।
वही आज (25 जुलाई) मल्लिकार्जुन ने नीट मामले ट्वीट कर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा “लाखों छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर, मोदी सरकार “उल्टा चोर, कोतवाल को डांटे” वाला ढोंग रच रही है”। आगे मलिकार्जुन ने लिखा “माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है कि NEET-UG का पेपर लीक हुआ था। पटना और हजारीबाग में लीक हुआ था”।
लाखों छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर, मोदी सरकार “उल्टा चोर, कोतवाल को डाँटे” वाला ढ़ोंग रच रही है।
माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है कि NEET-UG का पेपर लीक हुआ था। पटना और हज़ारीबाग में लीक हुआ था। @narendramodi जी इस पूरी धाँधली और शिक्षा माफ़िया के खेल में लगभग चुप्पी… pic.twitter.com/jVCK6x0pxt
— Mallikarjun Kharge (@kharge) July 25, 2024
वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इल्जाम लगते हुए लिखा “इस पूरी धांधली और शिक्षा माफिया के खेल में लगभग चुप्पी साधे हुए हैं।RSS-BJP के संरक्षण में शिक्षा माफिया ने पूरी शिक्षा प्रणाली को खोखला कर दिया है”।
मल्लिकार्जुन ने मोदी सरकार से २ सवाल पूछे हुए लिखा, हमारे 2 सवाल कायम है –
1) क्या NEET-UG में पेपर लीक नहीं हुआ? क्या NEET-PG, CSIR-UGC-NET, UGC-NET जैसी परीक्षाएं Cancel/postpone नहीं हुईं? क्या पिछले 7 वर्षों में 70 पेपर लीक नहीं हुए हैं? क्या NTA द्वारा कराए गए 66 में से 12 परीक्षाओं में पेपर लीक नहीं हुआ?
2) क्या NEET-UG में 1563 छात्रों को ग़ैरकानूनी grace marks के चलते फ़िर से परीक्षा में बैठने को नहीं कहा गया? क्या 4 लाख छात्रों को 1 सवाल का उत्तर गलत लिखने के लिए 5 अंक नहीं बांटे गए, जिसे कि सुप्रीम कोर्ट ने पकड़ा और अब जिसके चलते टॉपर्स की संख्या में गिरावट आई है?
आगे मलिकार्जुन ने लिखा, क्या NEET-UG में गलत प्रश्न पत्र देना, क्षतिग्रस्त answer keys देना, छात्रों द्वारा impersonation,और अंकों के विश्लेषण से पता चलना कि टॉपर्स की संख्या असामान्य रूप से अधिक होना, जैसी धांधली नहीं पाई गई?
इन सबके बावजूद केंद्रीय शिक्षा मंत्री ऐसे इतरा रहें हैं, जैसे उन्होंने कोई जंग जीत ली हो !
छात्रों की हार पर मोदी सरकार को अपनी जीत लगती है, इससे दुर्भाग्यपूर्ण बात और क्या हो सकती है?