Samvidhaan Hatya Diwas on Emergency: मोदी सरकार ने 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया है। 1975 में इसी दिन आपातकाल की घोषणा की गई थी। केंद्र के इस फैसले पर कांग्रेस के कई उम्मीदवारों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। साथ ही अन्य पार्टी के उम्मीदवारों ने भी अपने मत रख है कई प्रतिक्रिया दी है। वही शिवसेना (UBT) संजय राउत की प्रतिक्रिया सामने आई है।
आपातकाल 1975 की याद में 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाए जाने पर शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने कहा, “उनके पास कोई काम बचा नहीं है।आपातकाल को 50 वर्ष हो गए हैं, लोग भूल चुके हैं। आपातकाल क्यों लगाया गया, देश में कुछ लोग अराजकता फैलाना चाहते थे। रामलीला मैदान से खुला ऐलान हुआ था हमारे आर्मी के लिए की सरकार के आदेशों का पालन मत कर।ऐसे में अगर अटल बिहारी वाजपेयी भी प्रधानमंत्री होते तो भी आपातकाल लगाते। यह देश की सुरक्षा का मामला था। अमित शाह को आपातकाल क्या है पता नहीं”।
“जिस बालासाहेब ठाकरे का वो गुणगान गा रहे है नकली शिव सेना के साथ। उस वक्त शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे ने इमरजेंसी को खुला समर्थ दिया था। आरएसएस ने भी समर्थन किया था। उसके बाद कई पार्टियों की सरकार आयी पर उन्हें नहीं लगा की संविधान की हत्या हुई। इन के पास कोई काम नहीं है। यह लोगों को गुमराह करना चाहते है। लोगो ने उन्हें नकारा है, उनके पास बहुमत नहीं है”।
आखिर में संजय राउत ने बीजेपी पर आरोप लगते हुए कहा, आपातकाल की अगर बात करे तो 10 साल का हर एक संविधान की हत्या के लिए माना जायगा। ऐसा एक दिन भी नहीं है जहा लोकतंत्र की रक्षा हुई है। कानून, सेंट्रल एजेंसी, भ्रष्टाचार, अराजकता इस देश में बढ़ गयी है तो हर दिन संविधान की हत्या ही है ना। पीएम मोदी और सरकार को इसलिए बहुमत नहीं मिला क्योंकि वे लोग संविधान को बदलना चाहते थे। संविधान की हत्या करना चाहते थे इसलिए देश ने उनको बहुमत नहीं दिया।