Sharad Pawar Statement: देश में आज (1 june) से तीन नए कानून अमल में लाये गए हैं। नए आपराधिक कानून, भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) कल, 1 जुलाई, 2024 से प्रभावी हो रहे हैं।ये कानून क्रमशः भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को निरस्त और प्रतिस्थापित करते हैं। वही इस बिच एनसीपी (एसपी) अध्यक्ष शरद पवार का बड़ा बयान सामने आया है।
एनसीपी (एसपी) अध्यक्ष शरद पवार ने अपने X अकाउंट पोस्ट किया है जिसमें उन्होंने लिखा है, “इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि देश की कानून-व्यवस्था में बदलाव देश की विपक्षी पार्टियों के 150 सांसदों को निलंबित करके किया गया था।यह परिवर्तन चर्चा और सुझावों की कमी को दर्शाता है। इसके साथ ही देश की सुरक्षा व्यवस्था पर भी दबाव बढ़ता जा रहा है। हालांकि समय के साथ बदलाव की जरूरत है, पारदर्शिता लाने के लिए चर्चा कर और भी ठोस कदम उठाए जा सकते थे। हालांकि, एक सूत्री कार्यक्रम लागू करने की धुन सवार हुक्मरानों से चर्चा की उम्मीद करना गलत होगा”।
देशाच्या कायदा सुव्यवस्थेतील बदल हा देशाच्या विरोधी पक्षातील १५० खासदारांना निलंबित करून करण्यात आला ही वस्तुस्थिती कोणीही नाकारू शकत नाही. या बदलात चर्चा आणि सूचनांचा अभाव दिसून येतोय. यासह देशाच्या सुरक्षा यंत्रणेवर येणारा ताण अधिक ठळक होतोय. काळानुरूप बदल होणं गरजेचं असलं तरी…
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) July 1, 2024
भारतीय दंड संहिता (PIC) को भारतीय न्याय संहिता (BNS), सीआरपीसी को नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को भारतीय साक्ष्य अधिनियम से बदल दिया गया है। भारतीय न्याय संहिता में 358 धाराएँ हैं (IPC की 511 धाराओं के बजाय)।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (BNSS) दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 (CRPC) की जगह लेने का प्रयास करती है। CRPC में गिरफ्तारी, अभियोजन और जमानत की प्रक्रिया का प्रावधान है। BNSS सात साल या उससे ज़्यादा की सजा वाले अपराधों के लिए फोरेंसिक जांच को अनिवार्य बनाता है।
भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 (BSA) के घोषित लक्ष्य और उद्देश्य, इसके लंबे शीर्षक के अनुसार, निष्पक्ष सुनवाई के लिए साक्ष्य के सामान्य नियमों और सिद्धांतों को समेकित करना और प्रदान करना है। बीएसए यह मानता है कि साक्ष्य के नियमों और सिद्धांतों को प्रतिपादित करना अंतिम लक्ष्य नहीं है।