UP Digital Attendance: उत्तर प्रदेश में गुरुवार से डिजिटल अटेंडेंस पर सख्ती शुरू हो गई थी। तीन दिन अपनी ऑनलाइन अटेंडेंस न लगाने वालों की सैलरी रोक दी जाएगी।डिजिटल अटेंडेंस दर्ज न करने पर विभागीय आदेशों का अनादर करना माना जायेगा। विभागीय आदेशों का पालन ना करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। वहीं इस मामले के बीच BSP चीफ मायावती की प्रतिक्रिया सामने आई है।
BSP चीफ मायावती ने अपने X अकाउंट पर पोस्ट शेयर किये है। मायावती ने शेयर किये पोस्ट में कहा, “उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में जरूरी बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव होने के कारण वहाँ बदहाली की शिकायतें आम रही है, जिस पर समुचित बजटीय प्रावधान करके उन गंभीर समस्याओं का उचित हल करने के बजाय सरकार उस पर से ध्यान बांटने के लिए केवल दिखावटी कार्य कर रही है, यह क्या उचित?”
1. उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में ज़रूरी बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव होने के कारण वहाँ बदहाली की शिकायतें आम रही हैं, जिस पर समुचित बजटीय प्रावधान करके उन गंभीर समस्याओं का उचित हल करने के बजाय सरकार उस पर से ध्यान बांटने के लिए केवल दिखावटी कार्य कर रही है, यह क्या उचित?
— Mayawati (@Mayawati) July 16, 2024
मायावती ने आगे लिखा, “शिक्षकों की डिजिटल हाजिरी भी सरकार का ऐसा ही नया कदम लगता है जो जल्दबाजी में बिना पूरी तैयारी के ही थोप दिया गया है। इससे कहीं ज्यादा जरूरी है शिक्षकों की सही व समुचित संख्या में भर्ती के साथ ही बुनियादी सुविधाओं का विकास ताकि अच्छी गुणवत्ता वाली पढ़ाई सुनिश्चित हो सके।”
2. शिक्षकों की डिजिटल हाज़िरी भी सरकार का ऐसा ही नया कदम लगता है जो जल्दबाजी में बिना पूरी तैयारी के ही थोप दिया गया है। इससे कहीं ज्यादा जरूरी है शिक्षकों की सही व समुचित संख्या में भर्ती के साथ ही बुनियादी सुविधाओं का विकास ताकि अच्छी गुणवत्ता वाली पढ़ाई सुनिश्चित हो सके।
— Mayawati (@Mayawati) July 16, 2024
वही यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने भी प्रतिक्रिया देते हुए एक वीडियो पोस्ट शेयर किया। शेयर किये पोस्ट में अखिलेश यादव ने लिखा, “शिक्षकों और बच्चों के अभिभावकों को जितनी जल्दी ये बात समझ आ जाएगी कि भाजपा सरकार शिक्षक और शिक्षा के खिलाफ है और भाजपा की वजह से परिवार वालों के बच्चों का भविष्य अंधकारमय है, उतनी ही जल्दी परिवर्तन के लिए ज़मीन बननी तैयार हो जाएगी।”
शिक्षकों और बच्चों के अभिभावकों को जितनी जल्दी ये बात समझ आ जाएगी कि भाजपा सरकार शिक्षक और शिक्षा के ख़िलाफ़ है और भाजपा की वजह से परिवारवालों के बच्चों का भविष्य अंधकारमय है, उतनी ही जल्दी परिवर्तन के लिए ज़मीन बननी तैयार हो जाएगी।
भाजपा शिक्षकों और कर्मचारियों को विरोध का एक… pic.twitter.com/SesKoFSuok
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 16, 2024
आगे अखिलेश यादव ने लिखा, “भाजपा शिक्षकों और कर्मचारियों को विरोध का एक ऐसा आंदोलन शुरू करने के लिए बाध्य न करे जिससे हर क्षेत्र में ठहराव आ जाए। भाजपा अपनी हार का तो विश्लेषण करती है लेकिन शिक्षक और कर्मचारियों की समस्याओं के प्रति हमेशा बेरुखी का नज़रिया अपनाती है। भाजपा की सरकार एक हृदयहीन सरकार है। जिसमें संवेदना न हो वो सरकार नहीं चाहिए।”